शाहिद एसपी अमरजीत बलिहार समेत 5 पुलिस जवानों की पुण्यतिथि पर दी गई श्रद्धाजंलि
2 जुलाई 2013 को अंतिम सांस तक की थी नक्सलियों के साथ मुठभेड
पाकुड़: पाकुड़ में शहीद एसपी अमरजीत बलिहार और पांच जवानों की 11वीं पुण्यतिथि पर समाहरणालय स्थित बने बलिहार पार्क में उन्हें याद करते हुए जिले के उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरनवाल, एसपी प्रभात कुमार, मुख्यालय डीएसपी जितेंद्र कुमार , महेशपुर एसडीपीओ विजय कुमार,नगर थाना प्रभारी, अन्य वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारी एवं प्रशासनिक पदाधिकारी तथा जवानों ने शहीद एसपी अमरजीत बलिहार की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की। तत्पश्चात अधिकारियों व जवानों ने पुलिस केंद्र में भी शहादत दिवस पर शहीदों को याद किया।
1 मिनट का मौन व्रत रखा। शाहिद अमरजीत बलिहार ,मनोज हेंब्रम ,राजीव कुमार ,शर्मा चंदन थापा, संतोष कुमार मंडल एवं शाहिद अशोक कुमार श्रीवास्तव के चित्र पर पुष्प अर्पण की गई।मौके पर मौजूद शहीदों के परिजन, निजी चालक को पुष्प गुच्छ एवं शॉल ओढ़ाकर एसपी प्रभात कुमार ने सम्मानित किया।
इस अवसर पर एसपी प्रभात कुमार ने कहा शाहिद एसपी अमरजीत बलिहार व उनकी टीम में शामिल जवानों की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता। वे जब तक रहे नक्सलियों के दांत खट्टे करते रहे। नक्सली उनके नाम से खोप खाते थे। ध्येय निष्ठावान शाहिद एसपी अमरजीत बलिहार 2 जुलाई 2013 को नक्सलियों ने धोखे से अंधाधुंध फायरिंग कर दिया जिससे वे मौके पर ही शहीद हो गए। उनकी शहादत को उनकी कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उधर पुलिस लाईन में भी शहीद एसपी और जवानों के तस्वीर पे माल्यापर्ण कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया गया।
कैसे घटी घटना अपनों ने ही दिया था दगा
2 जुलाई 2013 को दुमका में आयोजित तत्कालीन डीआईजी प्रिया दुबे के बैठक में भाग ले कर एसपी अमरजीत बलिहार और पांच व अन्य पाकुड़ लौट रहे थे। लौटने के दौरान दुमका जिले के काठीकुंड थाना क्षेत्र के जमनी नाला के निकट पूर्व से घात लगाए भारी मात्रा में पहुंचे नक्सलियों ने अचानक से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। अचानक हुए इस हमले से वे संभाल नहीं सके और जब तक गोलियां रही तब तक मुठभेड़ करते रहे। किंतु संख्या बल में नक्सलियों के काफी अधिक होने के कारण अधिक समय तक ठहर नहीं सके।
और मुठभेड़ में एसपी अमरजीत बलिहार, जवान अशोक कुमार श्रीवास्तव, चंदन थापा, मनोज कुमार हेब्रंम, संतोष कुमार मंडल एवं राजीव कुमार शर्मा शहीद हो गए ।इसके अलावा निजी चालक धनराज मड़ैया गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनके शहीद होते ही नक्सलियों ने 8 हथियार एवं 670 राउंड गोलियां के अलावा बुलेट प्रूफ जैकेट भी ले गए थे। नक्सली चार इंसास,दो एक-47 राइफल, दो पिस्टन शामिल था। बाद में अपने ही लोगों के दगा देने की बात सामने आई थी। बक्से से कुछ हथियार बरामद भी किए गए। मुकदमा दर्ज हुआ। दो को फांसी की सजा सुनाई गई।
कौन थे बहादुर अमरजीत बलिहार
14 अक्टूबर 1960 को जन्मे अमरजीत बलिहार 1983 में एमए किया। साल 1986 में उन्होंने बीएससी की परीक्षा पास की। वतौर डीएसपी पहली पोस्टिंग जहानाबाद में हुई । इसके बाद मुंगेर, जहानाबाद पटना, राजगीर हवेली खड़कपुर ,लातेहार, चक्रधरपुर और फिर रांची में पोस्टिंग हुई । 2003 में उन्हें आईपीएस की जिम्मेदारी सौंपी गई और जैप वन में डिप्टी कमांडर बने । मई 2013 में उन्हें पाकुड़ का एसपी बनाया गया।