धनबाद/मनोज कुमार सिंह
धनबाद: आखिरकार कोयलांचल के धरती से मार्क्सवादी चिंतक, पूर्व सांसद एके राय की पार्टी के विलय की शनिवार को विधिवत रांची में ऐलान हो गया। यह ऐलान भाकपा (माले) के सांसद राजाराम सिंह एवं मार्क्सवादी समन्वय समिति के कार्यकारी अध्यक्ष अ रूप चटर्जी ने किया। कहा गया कि यह एकीकरण जनता के संघर्ष को दावेदारी में तब्दील करने के लिए कृत संकल्प है। इसी उद्देश्य से 9 सितंबर को धनबाद में बड़ी रैली का आयोजन होगा। रैली में भाकपा (माले) के पार्टी महासचिव सहित एकीकृत पार्टी के केंद्रीय स्तर के सभी नेता मौजूद रहेंगे।
रैली का नाम एकता रैली होगा और इसका मुख्य नारा- बीजेपी भगाओ, लूट मिटाओ, बिरसा के सपनों का झारखंड बनाओ होगा। कहा गया है कि दोनों संगठनों के केंद्रीय स्तर से ग्रास रूट पर एकीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एक महीने के भीतर यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। एकीकृत पार्टी ने विधानसभा सीटों की एक सूची तैयार की है। एकीकृत पार्टी भाजपा के खिलाफ मजबूत गठबंधन के पक्ष में है और विधानसभा क्षेत्र में अपने-अपने आधारों से पूरी ताकत से चुनावी तैयारी को तेज करेगी। बताते हैं कि 2021 से ही विलय की बातचीत चल रही थी। आज झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के गठन में भी एके राय की बड़ी भूमिका थी।
झारखंड मुक्ति मोर्चा का जन्म तो धनबाद में ही हुआ था। शिबू सोरेन, ए के राय और विनोद बिहारी महतो ने मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया था। उस समय तीनों नेता बड़े नेता माने जाते थे। यह अलग बात है कि उस समय झारखण्ड अलग नहीं हुआ था। वैचारिक मतभेद होने पर एके राय धीरे-धीरे अलग हो गए और मार्क्सवादी समन्वय समिति के नाम से अपनी पार्टी बनाई और पार्टी चलाने लगे। जो भी हो, एके राय की राजनीतिक हनक कोयलांचल ने महसूस किया था। तीन बार के सांसद और तीन बार के विधायक रहे एके राय ने अपना जीवन ही कोयला मजदूरों के नाम कर दिया था। लेकिन आज उनकी पार्टी का अस्तित्वा ही मिट गया।