Thursday, September 19, 2024
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रांची: बारिश होती रही तो रुक्का डैम से प्रतिदिन ढाई लाख मिलियन गैलन पानी बहाया जायेगा

रांची: बारिश होती रही तो रुक्का डैम से प्रतिदिन ढाई लाख मिलियन गैलन पानी बहाया जायेगा

रांची : झारखंड के कई जिलों में शुक्रवार को हुई भारी बारिश के बाद कई नदियों, डैमों और नालों में जलस्तर बढ़ गया है. वहीं राजधानी रांची स्थित रुक्का (गेतलसूद) डैम का जलकर खतरे के निशान यानी 36 फीट से महज तीन फीट ही नीचे है. रविवार को डैम का लेबल 33.04 फीट पर पहुंच चुका है.

सुरक्षा के दृष्टिकोण से जलस्तर 34 फीट होने पर गेट का कम से कम एक से दो फाटक खोल दिया जाता है और सिकिदिरी हाइडल पावर प्रोजेक्ट के लिए पानी छोड़ा जाता है. लेकिन फिलहाल सिकिदिरी हाइडल का वार्षिक मेटेनेंस का काम 25 जुलाई से जारी है, जो 20 अगस्त तक चलेगा. यानी 20 अगस्त तक सिकिदिरी डैम का पानी नहीं लेगा. ऐसे में अगर फिर से बारिश शुरू हुई तो डैम से प्रतिदिन कम से कम ढाई लाख मिलियन गैलन पानी बहाया जायेगा. इस तरह डैम का बेशकिमती पानी यूं ही बर्बाद हो जायेगा.

आचार संहिता लगने के कारण मेंटेनेंस कार्य शुरू होने में हुई देरी
ऐसे में सवाल उठता है कि गर्मी में जब डैम में पानी कम था तब सिकिदिरी हाइडल का मेटेनेंस क्यों नहीं किया. अभी बारिश में मेंटेनेंस का काम क्यों किया जा रहा है. इस पर जब लगातार डॉट इन के संवाददाता ने बिजली उत्पान निगम के जीएम कुमुद रंजन से बात की तो उन्होंने कहा कि गर्मी में ही सिकिदिरी का मेंटेनेंस होता था.

लेकिन इस बार 4 जून तक आचार संहिता लगे रहने के कारण मेंटेनेंस कार्य समय से शुरू नहीं किया जा सका. चार जून को आचार संहिता के बाद निविदा की प्रकिया शुरू हुई. वहीं 25 जुलाई से मेटेनेंनस कार्य शुरू किया गया. डैम का लेबल 34 फीट होने पर ही पानी छोड़ा जाता है. अभी बारिश थम गया, इसलिए पानी बर्बाद होने की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है.

सिकिदिरी हाइडल को रुक्का डैम से दिसंबर तक या डैम का लेबल 25 फीट से नीचे आने तक देना है पानी
मालूम हो कि डैम निर्माण के समय से ही बिजली विभाग, जलसंसाधन विभाग और पेयजल विभाग के समझौते के अनुसार रुक्का डैम से सिकिदिरी हाइडल को बिजली उत्पादन के लिए दिसंबर तक या डैम का लेबल 25 फीट से नीचे आने तक देना है. क्योंकि शहर के 90 प्रतिशत से भी अधिक इलाके में रुक्का डैम से ही पानी की आपूर्ति होती है, इसलिए 25 फीट के नीचे वाटर सप्लाई के लिए सुरक्षित रखना है.

राज्य का एकमात्र पन बिजली उत्पादक सिकिदिरी सबसे सस्ती बिजली जेबीवीएनएल को देता है
झारखंड राज्य का एकलौता पन बिजली उत्पादक सिकिदिरी हाईडल पावर प्रोजेक्ट है. यह बारिश के दिनों में डैम का लेबल 25 फीट तक जाने तक प्रतिदिन बिजली उत्पादन करता है और जेबीवीएनएल को प्रति यूनिट 2 रूपए की दर से सबसे सस्ती बिजली देता है. इस पावर प्रोजेक्ट में दो यूनिट है, जिसकी क्षमता क्रमश 65:65 यानी 130 मेगावाट की है. मगर प्लांट 40 साल पुराना हो जाने के कारण फिलहाल इससे प्रतिदिन 55 से 58 मेगवाट ही बिजली का उत्पादन हो पाता है.

गोंदा डैम से भी छोड़ा गया पानी, अब जलस्तर खतरे के निशान से नीचे
भारी बारिश और रूक-रूक कर जारी बारिश के बाद कांके (गोंदा) डैम का जलस्तर भी खतरे के निशान 28 फीट तक पहुंच गया था. इसके बाद डैम का फाटक खोला गया और पानी के लेवल को 28 फीट से नीचे किया गया. यानी अब गोंदा डैम पूरी तरह से सुरक्षित लेबल तक पहुंच गया है.
हटिया डैम लबालब होने में अभी लगेगा काफी समय
हटिया डैम की बात करें तो यहां का जलस्तर अभी 25 फीट तक पहुंचा है. डैम की क्षमता 38 फीट है. यानी अभी इस डैम में पानी लबालब भरने में काफी समय लगेगा. दरअसल हटिया डैम ही एक ऐसा डैम है, जो पूरी तरह से बारिश और स्वर्णरेखा नदी पर आश्रित है. इस डैम में आसपास के नालों का पानी नहीं जाता है. इसलिए इस डैम का पानी अब भी काफी शुद्ध माना जाता है. पिस्का नगड़ी से निकलने वाली स्वर्णरखा नदी का पानी ही इसमें जाता है. यानी नगड़ी और आसपास के क्षेत्रों में अच्छी बारिश के बाद ही यह डैम भरेगा. क्योंकि रिंग रोड निर्माण के समय स्वर्णरेखा नदी का पानी जो डैम में जाता था, उसे बहुत हद तक ब्लॉक कर दिया गया. इसलिए अब काफी धीमी गति से नदी का पानी डैम में जाता है.निरसा पांडेडीह के जंगल में जोरदार आवाज के साथ भू धसान हुई, अवैध खदान से कोयले निकालने के कारण, ग्रामीणों को दशरथ में जीने को मजबूर
8 अगस्त को रांची के तीनों डैम का लेवल
डैम
वर्तमान लेबल
पिछले साल का लेबल
क्षमता (फीट में)
रुक्का
33.04
19.04
36
गोंदा
27.06
15.06
28
हटिया
25.08
25.11
38
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