Tuesday, February 11, 2025
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बिनोद बाबू नाम नहीं, एक विचारधारा हैं : सुदेश महतो

धनबाद।

बिनोद बाबू नाम नहीं, एक विचारधारा हैं : सुदेश महतो

• समाज सुधारक, कानून शिक्षाविद बिनोद बाबू झारखंडी आवाम की आवाज थे
• स्व. बिनोद बिहारी महतो की 101वीं जयंती पर झारखंड नवनिर्माण संकल्प सभा आयोजित
• आजसू पार्टी के पदाधिकारियों ने बिनोद बिहारी महतो को अर्पित की श्रद्धांजलि

तोपचांची/रांची : बिनोद बाबू एक नाम नहीं एक विचारधारा हैं। राज्य की अस्मिता को बचाने के लिए हमें उनके विचारों पर आगे बढ़ना होगा। उनके विचारों का झारखंड स्थापित करना हमारा संकल्प। बिनोद बाबू के विचारों का अनुसरण करने की आवश्यकता है। युवाओं पर उनके सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी है। उनका जीवन दर्शन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने विस्थापितों को उचित मुआवजा और नौकरी दिलाने के लिए संघर्ष किया था। समाज सुधारक, कानून शिक्षाविद झारखंडी आवाम की सशक्त आवाज थे बिनोद बाबू।

उक्त बातें पार्टी अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने तोपचांची के पावापुर में स्व. बिनोद बिहारी महतो की 101वीं जयंती के उपलक्ष्य पर आयोजित झारखंड नवनिर्माण संकल्प सभा में कही। मौके पर उन्होंने उनकी छायाचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

बिनोद बाबू ने समाज को पढ़ो और लड़ो का नारा देने के साथ ही शोषितों व वंचितों को शिक्षा से जुड़ने के उद्देश्य से कई स्कूल कॉलेज खोलने का काम किया था जिससे आज भी समाज में ज्ञान का उजियारा फैला रहा है। यह उनकी दूरदर्शी सोच का उदाहरण है। उन्होंने झारखंड आंदोलन को एक नई दिशा और रफ्तार दी थी। अलग राज्य के लिए उनके संघर्ष को मुकाम तक पहुँचाने का काम आजसू ने किया है।

राज सत्ता में बैठे लोग सत्ता के नशे में इस कदर चूर हो चुके है कि अपनी विरासत की ओर देखना भी नहीं चाहती है। सत्ताधारी पार्टी और सरकार ने बिनोद बाबू को भुला दिया है। राजनीति विचारधारा से भटक गई है। राजनीति उसूल के साथ जीते हुए राज्य को आगे ले जाने का दायित्व है।

वर्तमान राज्य सरकार बिनोद बाबू के विचारों के विपरीत कार्य कर रही है। बिनोद बाबू ने गरीबों, शोषितों और विस्थापितों को उनका हक दिलाने लिए संघर्ष किया और लड़ाई लड़ी वहीं वर्तमान सरकार ने गरीबों, शोषितों और विस्थापितों को अपनी प्राथमिकता से बाहर कर दिया है। सरकार ने राज्य की जनता को भ्रष्टाचार के दलदल में धेकेल दिया है। आज बिना पैसे दिए कोई काम नहीं हो रहा है जिस वजह से अबुआ आवास बबुआ आवास बन कर रह गया। योजना का लाभ जरूरतमंदों को मिलने की जगह जो पैसे खिला रहे हैं उन्हें मिल रहा है। पे फ़ॉर पोस्ट की अवधारणा पर काम करने वाली सरकार ने आम जनता की समस्याओं को भुला दिया है। अगर आपके पास पैसे हैं तो आपके सारे काम बिना किसी रुकावट के समय से पहले भी हो सकता हैं लेकिन एक गरीब इंसान बस सरकारी कार्यालयों के चक्कर ही लगता रह जता है। हेमंत सराकर झूठ और भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है।

सरकार के काम करने के रवैये से राज्य के सभी वर्ग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है, बड़े बड़े झूठे वादें कर के सत्ता में आई इस सरकार को जनता सत्ता से बेदखल करने का काम करेगी। हेमंत बाबू ने अपने जीवन मे कभी भी राज्य के किसानों, महिलाओं, युवाओं, विस्थापितों के बारे में नहीं सोचा।

पार्टी के वरीय उपाध्यक्ष सह गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि बिनोद बाबू ने अपनी वकालत से गरीबों, शोषित मजदूरों और विस्थापितों को न्याय दिलाने का काम किया था। समाज की कुरीतियों को दूर करने के लिए उनका संघर्ष सदैव याद किया जाएगा। आजीवन सामाजिक कुप्रथा के खिलाफ अभियान चला कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। उनकी सोच आज भी प्रासंगिक है।

इस अवसर पर वरीय उपाध्यक्ष एवं गिरिडीह लोकसभा सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, महासचिव एवं विधायक लम्बोदर महतो, उपाध्यक्ष उमाकांत रजक, मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, राधेश्याम गोस्वामी, संतोष महतो, हलधर महतो, दुर्योधन महतो, जीप उपाध्यक्ष बबीता देवी, जिप सदस्य खुशबू कुमारी, रिंकी देवी, रमा देवी, प्रियंका शर्मा, धनबाद जिलाध्यक्ष मंटू महतो, गिरिडीह जिलाध्यक्ष गुड्डू यादव, बोकारो जिलाध्यक्ष सचिन महतो, इसराफिल लाला, टिकैत महतो, सुभाष रवानी, कुल्लू चौधरी, बुच्चू सिंह इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

• पार्टी पदाधिकारियों ने बिनोद बिहारी महतो को अर्पित की श्रद्धांजलि :

हरमू स्थित पार्टी केंद्रीय कार्यालय में बिनोद बिहारी महतो की 100वीं जयंती के अवसर पर पार्टी पदाधिकारियों ने उनकी छायाचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। मौके पर पार्टी पदाधिकारियों ने उनके योगदानों को याद करते हुए कहा कि बिनोद बिहारी जी ने अलग राज्य आंदोलन को एक नया वैचारिक आधार दिया था। समाज की बुराइयों को दूर करने के लिए उनके द्वारा किए कार्य अविस्मरणीय हैं।

बिनोद बिहारी की जयंती पर आजसू पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने वालों में केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष हसन अंसारी, केंद्रीय महासचिव राजेंद्र मेहता, केंद्रीय कार्यालय प्रभारी बनमाली मंडल, केंद्रीय सह प्रवक्ता ज्ञान सिन्हा, युवा आजसू प्रदेश संजोजक गौतम सिंह, वेदांत कौस्तव, पंकज कुमार, अभिषेक शुक्ला इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित हुए।

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