Health Insurance : आयुर्वेद, नेचुरोपैथी सहित आयुष के इलाज पर भरोसा रखने वालों के लिए खुशखबरी है. आयुष मंत्रालय न केवल लोगों को सस्ती आयुष चिकित्सा देने के लिए जुटा हुआ है, बल्कि अब आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी भी आपके आयुष चिकित्सा से कराए गए इलाज का खर्च उठाएगी.
ऐसे में इलाज की पेमेंट बीमा कंपनी करेगी और आपको अपनी जेब से पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा. आयुष चिकित्सा को लगातार स्वास्थ्य बीमा कवरेज में लाने के लिए दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में देश की बीमा कंपनियों और आयुष अस्पतालों के बीच बैठक की गई है. जल्द ही आयुष इलाज को बीमा कवरेज मिलने की दिशा में बड़ी घोषणा हो सकती है.
आयुष इलाज के पूरी तरह बीमा कवरेज में शामिल करने के बाद भारत ही नहीं विदेशों से आने वाले लोग भी अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज से भारत के ढ़ाई सौ से ज्यादा NABH एक्रेडिटेड आयुष अस्पतालों या डे केयर सेंटरों में मुफ्त या बेहद सस्ता इलाज ले सकेंगे.
आखिर ये इलाज कहां और कैसे मिलेगा? कितने लाख तक का आयुष इलाज बीमा कवरेज में मिलेगा? कौन-कौन सी बीमारियों का इलाज हो सकेगा? आइए जानते हैं ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद की निदेशक डॉ. तनुजा नेसारी से हर सवाल का जवाब..
सवाल. मरीजों को किन बीमारियों में बीमा का लाभ मिलेगा?
जवाब. आयुर्वेद के अलावा सिद्धा, यूनानी, नेचुरोपैथी, होम्योपैथी सभी चिकित्सा पद्धतियां हेल्थ इंश्योरेंस में कवर होंगी. इनमें से किसी के भी द्वारा इलाज कराने पर इलाज का खर्च बीमा योजना के अंतर्गत बीमा कंपनियां उठाएंगी. 2013 से कुछ बीमा कंपनियां आयुष इलाके को भी बीमा में शामिल कर रही हैं, लेकिन अब इसे बड़े स्तर पर किया जा रहा है. ताकि ज्यादा से ज्यादा बीमा कंपनियां आयुष को भी बीमा योजनाओं में कवर करें. तैयारी चल रही है, आयुष बीमा के पैकेज बन रहे हैं. जल्द ही इसमें अच्छी खबर सुनने को मिलेगी.
सवाल- कितने लाख तक का इलाज खर्च बीमा में कवर होगा?
जवाब- आयुर्वेद हो चाहे आयुष की कोई पद्धति इसके अंतर्गत सर्जिकल प्रक्रिया जैसे पंचकर्म, कोई थेरेपी आदि हो या फिर ओपीडी आधारित कोई इलाज हो सभी को हेल्थ इंश्योरेंस में कवरेज देने की प्रक्रिया चल रही है. कितने लाख तक का इलाज बीमा में कवर होगा यह ट्रीटमेंट और उसकी अवधि पर निर्भर करेगा. आमतौर पर अभी अधिकतम खर्च 40-50 हजार रुपये तक रहता है, जो कि पंचकर्म थेरेपी में आता है. यह सभी बीमा में कवर होगा.
सवाल- कौन-कौन सी बीमारियां इसमें कवर होंगी?
जवाब- ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में ही 40 से ज्यादा विभाग हैं, इनके अंतर्गत आने वाली करीब 172 बीमारियों की चिकित्सा गाइडलाइंस समिट की जा चुकी हैं जो करीब 150 बीमा पैकेज में कंसोलिडेट की गई हैं.
सवाल- क्या आयुष इलाज के लिए अलग से पॉलिसी लेनी पड़ेगी और एलोपैथी के लिए अलग से?
जवाब. इसी साल आईआरडीएआई ने सभी बीमा कंपनियों को दिए लैटर में कहा कि अभी तक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज में दिए जा रहे हेल्थ बीमा कवरेज की तरह ही आयुष को भी इसमें ही शामिल किया जाए. ताकि पॉलिसी होल्डर एक ही बीमा योजना लेने के बाद इलाज चुनने के लिए स्वतंत्र हो और वह जहां चाहे बीमा से इलाज करा सके. इसके अलावा आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना में भी आयुष इलाज को शामिल करने के लिए पहल की जा रही है. इसलिए कोशिश यही है कि एक ही पॉलिसी से मरीज किसी भी हेल्थ सेक्टर में इलाज कराने के लिए फ्री हो.
इतने लोगों ने उठाया फायदा
आयुष मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि साल 2023-24 में ही 10826 लोगों ने 75 करोड़ रुपये से ज्यादा के आयुष हॉस्पिटलाइजेशन क्लेम किए हैं. यह आंकड़ा पिछले सालों के मुकाबले काफी ज्यादा है और लगातार बढ़ रहा है.
2013 में शुरू हुआ था
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी इंडिया ने 16 फरवरी 2013 में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज के अंतर्गत आयुष कवरेज के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके बाद कई बीमा कंपनियों स्टार हेल्थ, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, जनरल इंश्योरेंस कंपनी आदि ने आयुश इलाज को बीमा योजनाओं में कवर किया था. इसके बाद 2017 में आईआरडीएआई ने 2017 में सभी बीमा प्रदान करने वालों और थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर्स के लिए फिर से एक सर्कुलर जारी किया.HEALTH: आज ही छोड़ दे ये आदत…वरना जान पर आएगी आफत….धीरे-धीरे आपके शरीर को कर देगी खोखला!