शोषण मुक्त समाज के खिलाफ दूसरी आजादी की लड़ाई लड़ने की जरूरत : अरूप चटर्जी
मासस कार्यालय में क्रांति दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन
निरसा मनोज कुमार सिंह निरसा: मासस की ओर से आज 9 अगस्त को मासस कार्यालय में क्रांति दिवस मनाया गया तथा प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित सुभाष चंद्र बोस व शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चात मासस कार्यालय में 9 अगस्त क्रांति दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रारंभ में पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। गोष्ठी को संबोधित करते हुए मासस के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सह पूर्व विधायक अरुप चटर्जी ने कहा कि 9 अगस्त 1942 को पूरे देश में नारा दिया गया था कि अंग्रेजों भारत छोड़ो और करो या मरो का जो की आजादी की लड़ाई में मील पत्थर साबित हुआ। उन्होंने कहा कि पूंजीवादी, साम्राज्यवाद तथा कारपोरेट घरानों की तिकड़ी से लड़ने के लिए देश में वामपंथी शक्तियों की एकता बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज देश फासीवाद की तरफ बढ़ रहा है।
कॉर्पोरेट घराने देश को चला रहे हैं। सावर्जनिक संस्थाओं को औने पौने दाम पर बेचा जा रहा है। एक समय ईस्ट इंडिया कंपनी ने देश को गुलाम बना दिया, आज कॉरपोरेट घराने देश को गुलाम बना रहे हैं। हमें शोषण मुक्त समाज तथा फासीवाद के खिलाफ दूसरी आजादी की लड़ाई लड़ने की जरूरत है। श्री चटर्जी ने कहा कि 9 सितंबर को गोल्फ ग्राउंड धनबाद में मासस और भाकपा माले की संयुक्त सभा होगी। जिसमें पर पूरे राज से करीब 50000 हजार लोग भाग लेंगे। विचार गोष्ठी को आगम राम, बदलचंद्र बाउरी, वृंदा पासवान, पवन महतो, टुटून मुखर्जी, सुभाष चटर्जी, सुभाष सिंह, रामजी यादव, गोपाल दास, मनोज रावत, राणा चतराज, विजय कुमार पासवान इत्यादि ने संबोधित किया। संचालन मुमताज अंसारी ने किया। मौके पर अमरेश चक्रवर्ती, निरंजन गोराई, लालू ओझा, मनोज सिंह, सतीश बाउरी, दिनेश सिंह, मनीशंकर सेन, बंसी सिंह, पवन सिंह, चीनू घोष, शिवानी दास, अंजू चटर्जी, आशा कुंभकार, जमुना दास, हरे राम, बपिन घोष, मदन डे सपन गोराई, सुरेश दास, अमल खान, भीम गोराई, राजेंद्र यादव, संजय बाउरी, श्यामल दास, गणेश बाउरी, नूर मोहम्मद, कृष्ण रजक, कार्तिक मंडल आदि उपस्थित थे।