यासिर अराफ़ात: पाकुड़ बाबूधन मुर्मू नाम तो सुना ही होगा. पाकुड़ की राजनीति में एक उभरता हुआ चेहरा. यह चेहरा पहले भी पाकुड़ के राजनीति में आ चुका है. पाकुड़ जिला के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष रह चुके हैं. फिलहाल यह चेहरा किसी खास राजनीतिक पार्टी के बैनर तले काम कर रहा है. चुंकि विधानसभा का चुनाव नजदीक आ रहा है तो इस चेहरे की चर्चा भी क्षेत्र में हो रही है. यह इसलिए क्योंकि बाबू धन मुर्मू सरल स्वभाव और मिलनसार व्यक्तित्व के कारण जाने जाते हैं. उनका आम लोगों के साथ उठना बैठना आम बात है.
अक्सर राजनीतिक विशेषज्ञ का मानना है की अपना राजनीतिक कद ऊंचा करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है. आम लोगों के बीच जाना पड़ता है, जमीन पर उतरकर काम करना पड़ता है, लोगों की परेशानियों को समझने की जरूरत होती है, अक्सर यह सारे गुण इस चेहरे में देखा जाता है. पाकुड़ जिला पूरे झारखंड में पिछड़ा जिलों में गिना जाता है, कारण है पाकुड़ जिला में शिक्षित दर का कमी होना, बेरोजगारी ज्यादा होना. और सबसे अहम बात यहां के खास एक वर्ग का बहुत ज्यादा सीधा-साधा और मासूम होना.
जी हां बात कर रहे हैं आदिवासी वर्ग की. पाकुड़ जिला में आदिवासी समुदाय एक ऐसा वर्ग है जो लोग बहुत सीधे साधे होते हैं. सरल स्वभाव के होते हैं. अक्सर पाकुड़ जिला में देखा जाता है कई जनप्रतिनिधि इन आदिवासियों का वोट तो ले लेते हैं. मगर सरकारी योजनाओं का लाभ इन आदिवासियों तक नहीं पहुंचते. जिसका खामियाजा इस खास वर्ग को भुगतना पड़ता है. हालांकि पहले के मुकाबले में आदिवासी वर्ग ने काफी डेवलप किया है. आदिवासी वर्ग पहले के मुकाबले में कहीं ज्यादा शिक्षित हुए हैं.
बाबूधन मुर्मू एक ऐसा चेहरा है जो सभी वर्गों के लिए सोचते हैं. परंतु सबसे ज्यादा पाकुड़ जिला में बाबूधन मुर्मू ने इस वर्ग की हर एक पहलू से सहयोग किया है. इसीलिए पाकुड़ जिला में बाबूधन मुर्मू के चाहने वाले हर वर्ग से मिल जाएगा. बाबू धन मुर्मू का पिछला रिकॉर्ड अगर देखा जाए तो वे कभी भी मजहब या जात धर्म देखकर सहयोग नहीं करते. सभी वर्गों के बीच में पहुंचकर उनके साथ जुड़े रहने का काम हमेशा से करते आ रहे हैं.
विधानसभा चुनाव होने को बस चंद ही दिन बचे हैं अब यह देखना होगा कि बाबू धन मुर्मू का संघर्ष कितना रंग लाता है. क्या उनके चाहने वालों की उम्मीद पूरी हो पाएगी. यह तो समय ही बता पाएगा. परंतु पिछले कुछ सालों के दौरान बाबूधन मुर्मू ने क्षेत्र में अपनी जो छवि बनाई है वह वाकई में काबिले तारीफ है. जिस तरह से बाबू धन मुर्मू आम लोगों के सुख-दुख में पहुंच जाते हैं फिर चाहे किसी के साथ कोई दुर्घटना हो, आग लगी की घटना हो, बाढ़ की समस्या हो, हर समय यह चेहरा आम लोगों के बीच देखने को मिल जाता है.