रांची : देशभर में एक जुलाई से नए क्रिमिनल लॉ लागू हो जाएंगे. एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू किए जाएंगे. नए क्रिमिनल लॉ में 33 ऐसे अपराध शामिल होंगे, जिनमें जेल की सजा बढ़ाई गई है. 23 ऐसे अपराध हैं, जिनमें अनिवार्य सजा शुरू की गई और 83 अपराधों में जुर्माना बढ़ाया गया है.
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में 511 धाराएं थीं, लेकिन भारतीय न्याय संहिता में धाराएं 358 रह गई हैं. आपराधिक कानून में बदलाव के साथ ही इसमें शामिल धाराओं का क्रम भी बदल जाएगा. नए क्रिमिनल लॉ लागू होने से हत्यारों को 302 नहीं 101 में सजा मिलेगी. इसी तरह कई ऐसे धारा हैं, जिनकी पहचान बदल जाएगी.
आईपीसी के इन धाराओं की बदलेगी पहचान जुर्म आईपीसी बीएनएस देशद्रोह धारा 124 धारा 154 हत्या धारा 302 धारा 101 हत्या प्रयास धारा 307 धारा 109 दुष्कर्म धारा 376 धारा 63 मानहानि धारा 399 धारा 356 ठगी धारा 420 धारा 319 गैर कानूनी सभा धारा 144 धारा 189 कहीं से भी दर्ज करा सकते हैं मामला सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम में क्या बदलाव दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता ने ले ली है.
सीआरपीसी की 484 धाराओं के बदले भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं हैं. नए कानून के तहत 177 प्रावधान बदले गए हैं, जबकि नौ नई धाराएं और 39 उपधाराएं जोड़ी गई हैं. इसके अलावा 35 धाराओं में समय सीमा तय की गई है. वहीं नए भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 170 प्रावधान हैं. इससे पहले वाले कानून में 167 प्रावधान थे. नए कानून में 24 प्रावधान बदले हैं.
