लोबिन हेम्ब्रम नामांकन पत्र दाखिल करने से बाजार में चर्चा गर्म , विरोधियों की उड़ी नींद
पाकुड़। आखिरकार वही हुआ जिसका डर था ? कुछ लोग सोच रहे थे लोवीन हेंब्रम शांत हो जाएंगे । किंतु इसके विपरीत मंगल वार को अपनी पूरी लो लसकर ढोल नगाड़ा के साथ लोबिन हेम्ब्रम साहिबगंज पहुंचकर राजमहल लोकसभा सीट से बजापते निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया।
लोबिन हेम्ब्रम ने जीत के दावे के साथ कहा कि मैं राजमहल लोकसभा निर्दलीय प्रत्याशी हूं। राजमहल लोकसभा का जनता मेरे साथ है। मैं कोई ठीकेदार नहीं हु। और ना ही मेरी कोई कंपनी है। और ना ही केवल चुनाव के समय घुमाता हु। अभी चुनाव आया है तो क्षेत्र में नजर आ रहे है। किंतु जनता को कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
लोबिन हेम्ब्रम ने अपनी जीत की दवा करते हुए कहा मैं जानता के बीच में रहा हूँ और जनता का दुख दर्द समझता हूं । मैं ठेकेदार नहीं हूँ। कोयला और बालू का काम नहीं करता हूं । मेरा छवि साफ सुथरा है और साफ सुथरा रहेगा। मेरा प्राथमिकता स्वास्थ्य शिक्षा पेयजल है। अब सौ बात की एक बात यह है कि यदि यही स्थिति रही चुनाव का संतुलन बिगड़ने वाला है। इसमें कहीं कोई दो राय नहीं है।
और यही होता आया है की दो की लड़ाई में तीसरा निकल जाता है । तब होता है तेरा कसूर ना मेरा कसूर…? हालांकि सोचने समझने के लिए भी वक्त है । मान मनूबल का भी दौर भी चलेगा। जनता भी इस पर खूब नजर रखे हुए हैं। तत्काल तो बीजेपी को अभी बल्ले बल्ले नजर आ रहा है।
नाम वापसी के दिन यह स्पष्ट होगा की राजमहल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का राजनीति किस करवट होगी। तत्काल तो विरोधी गुमसुम है। राजमहल लोकसभा क्षेत्र में 1 जून को चुनाव होने हैं। मुख्य मुकाबला इंडिया गठबंधन एवं भाजपा गठबंधन के साथ होगी। सांसद विजय हांसदा 10 वर्षों में मुस्लिम आदिवासी को ठगने का काम किया है: लोबिन हेम्ब्रम।
