Saturday, November 1, 2025
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डायरिया का कहर: डायरिया से एक किशोरी की हुई मौत

डायरिया का कहर: डायरिया से एक किशोरी की हुई मौत

बेगूसराय: बीहट नगर परिषद के वार्ड 23 दास मुहल्ले में बढ़तें डायरिया के प्रकोप के बाद पीएचईडी तेघड़ा के केमिस्ट सौरव कुमार ने चापाकल के पानी के नमूने की जांच की. पानी का पीएच मान, टीडीएस, आयरन, क्लोराइड, कठोरता तथा क्षारीयता आदि सभी मानक के अनुरूप पाये गये. सिर्फ गंदलापन अधिक पाया गया. Chemist Saurav Kumar ने बताया कि अमूनन गंदलापन से 5 एनटीयू रहना चाहिए. दास मुहल्ले के चापाकल के पानी में गंदलापन 9 एनटीयू पाया गया.

अभी तक के जांच के आलोक में पानी पीने लायक मिला है. पानी में बैक्टीरिया लेवल भी ठीक मिला है. गंदलापन की जांच के लिए पानी के नमूने को राज्य प्रयोगशाला भेजा गया है.

गर्मी में सामान्य तौर पर होने वाली बीमारियों में डायरिया प्रमुख है. जिले में इस बार भीषण गर्मी की वजह से डायरिया ने पांव पसार लिया है. सदर प्रखंड के Bahdarpur Village में डायरिया फैलने से ही परिवार में बच्चे समेत आठ लोग बीमार हो गये. इनमें से मो. मंसूर की 12 वर्षीया पुत्री उमे खातून की मौत डायरिया से हो गयी.

मो. जरीफ ने बताया कि पहले उनके भाई के घर में डायरिया फैला. बच्चे बीमार हुए व की मौत हो गयी. उसके बाद मेरी पुत्री आठ वर्षीया कबूतरी खातून, वर्षीया हीना खातून व वर्षीय पुत्र रेहान डायरिया की चपेट में आये. तीनों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. अधिक पैसे खर्च होने पर किसी की सलाह पर सदर अस्पताल पहुंचे. अब तीनों की स्थिति बेहतर है. डायरिया से पीड़ित दर्जन बच्चे का इलाज चल रहा है.

इससे पहले बीहट नगर परिषद वार्ड- 23 में डायरिया से की मौत हो चुकी है. मरने वालों में इस तरह से राजेन्द्र दास की वर्षीया पुत्री अंशिका कुमारी, राम उदगार दास के 13 वर्षीय पुत्र लक्ष्मण उर्फ गब्बर व 65 वर्षीया तारा देवी का नाम शामिल है. इस तरह से जिलेभर में डायरिया से अबतक बच्चे व बुजुर्ग महिला की मौत हो चुकी है.

इधर, सदर अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी व फिजिशियन डॉ. हरिगोविंद ने बताया कि इसका मुख्य कारण दूषित खान-पान, दूषित पेयजल, बासी खाना, फलों और सब्जियों को अच्छे से नहीं धोना, अपने हाइजीन पर ध्यान नहीं देना मुख्य रूप से यह कारण है. डायरिया में लोगों को पतला पैखाना होने लगता है. उल्टी भी हो सकता है, बुखार भी हो सकते हैं. ऐसा होने पर अनदेखी न करें. तुरंत डॉक्टर का सलाह लें और जरूरत हो तो भर्ती होकर इलाज करें. कुछ बातों पर ध्यान रखकर के हम डायरिया से बचा जा सकता है.

मसलन बासी भोजन का उपयोग न करें. फलों और सब्जियों को खाने से पहले अच्छी तरह धोकर खाएं. खाना खाने से पहले हाथ पैर मुंह को अच्छी तरह से धो लें. होता यह है कि गर्मी के दिनों में वातावरण का तापमान ज्यादा रहता है लेकिन हवा में आद्रता ज्यादा होने के कारण बैक्टीरिया वायरस और फंगस लोगों को जल्दी अपना शिकार बना लेता है. ज्यादा डिहाइड्रेशन होने के कारण या कहे पसीना ज्यादा होने के कारण लोगों में डिहाइड्रेशन होता है और लोगों के इम्यून क्षमता भी कम हो जाती है इसलिए लोग जल्दी से बीमारी का शिकार होते हैं.

सदर अस्पताल में सारी सुविधाएं उपलब्ध है. खासकर बच्चों के लिए अत्याधुनिक पेडियाट्रिक वार्ड उपलब्ध है. सिटी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के निदेशक व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अरविंद कुमार ने बताया कि भयंकर गर्मी के कारण बच्चों में डायरिया का केस अधिक बढ़ गया है. नवजात शिशु से लेकर आठ साल के बच्चे अधिकक चपेट में आ रहे हैं. बच्चों में उल्टी, पैखाना, तेज बुखार बढ़ गया है. बच्चों में बुखार की नॉर्मल दवा काम नहीं आ रही है. बच्चे बेहोश होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. शरीर में पानी की कमी हो रही है. ज्यादातर बच्चों को भर्ती कर पानी चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है.Stomach Health: जानिए पेट खराब होने पर क्या खाएं

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