झारखंड: चतरा जिले के टंडवा स्थित एनटीपीसी प्लांट परिसर के यार्ड नंबर सात के पास शुक्रवार की दोपहर अचानक आग लग गई। जिससे पांच किमी का क्षेत्र धुएं के काले बादलों से घिर गया। इस घटना में जानमाल की कोई क्षति तो नहीं हुई, पर कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ है। दिन के डेढ़ बजे प्लांट परिसर में अचानक आग की लपटें उठने से वहां अफरा-तफरी मच गयी। आग पर काबू पाने के लिये आठ दमकल लगाये गये थे, पर भरी दोपहरी में तेल हवा और परिसर में घास-फूस से दमकल टीम को इस पर काबू पाने में घंटों लग गये।
आग के प्लांट के टर्बाइन के डिब्बे में बंद मोबिल, डीजल और तेल में लग जाने के कारण आसपास के क्षेत्र में गहरे काले रंगा का धुआं फैल गया। बताया जाता है कि धुआं यहां से पांच किमी दूर केरेडारी तक पहुंच चुका था। अधिकारियों के अनुसार 95 फीसदी आग पर काबू पा लिया गया है। जल्द ही धुआं उठना बंद हो जाएगा। आग प्लांट बना रही भेल कंपनी के यार्ड में सबसे पहले देखी गई। रामगढ़ में हाइड्रा की चपेट में आकर मजदूर की मौत, शव को नोंचते रहे कुत्ते
अगलगी को लेकर गाइडलाइन जारी
● अपार्टमेंट व बहुमंजिली इमारत के निर्माण में वैकल्पिक सीढ़ियों की व्यवस्था
● आपातकालीन सूचना देने वाला यंत्र लगा होना चाहिए
● अग्निशमन के लिए होजरी और हाइड्रेंट अनिवार्य रूप से संचालित
● अपार्टमेंट की लॉबी में फायर चेक डोर की व्यवस्था
● सुरक्षित रिफ्यूज एरिया
● अपार्टमेंट व बहुमंजिली इमारत तक अग्निशमन गाड़ियों के पहुंचने का रास्ता
● अपार्टमेंट में पर्याप्त जल भंडारण और पंपिंग की व्यवस्था
● आपातकाल स्थिति में वैकल्पिक पावर की व्यवस्था
● फायर सर्विस इनलेट और स्वचालित स्प्रिंकलर सिस्टम जरूरी
● भवन में तड़ित चालक भी अनिवार्य रूप से लगा होना चाहिए
● अपार्टमेंट के सामने अग्निशमन व रेस्क्यू वाहन खड़े करने के लिए 12 मीटर चौड़ी व ठोस सड़क
