जितेन्द्र दास
हिरणपुर (पाकुड़) : गर्मी की आहट होने साथ ही क्षेत्र में पेयजल की समस्या दिखने लगी है। प्रखंड के कालाझोर गांव के लोग तो झरने की पानी पीने को विवश है। गाँव के विरटोला में करीब 36 परिवार आदिवासियों की है। जहां दो चापानल है , जो काफी दिनों से जर्जर अवस्था मे है। गर्मी पड़ने साथ जलस्तर भी नीचे गिरने से चापानल में पानी सूखने लगा है। गाँव के लोग निकट के झरने के पानी से प्यास बुझा रहे है। वही सुबह से ही झरने में लोगो का तांता लगा रहता है। लोग छोटे से कटोरे के माध्यम से पानी को उठाते देखा गया। क्योंकि झरने में काफी कम पानी संग्रह होता है।उधर कालाझोर मांझी टोला में तो स्थिति और भी गम्भीर बनी हुई है। इस टोले में करीब 90 परिवार निवास करते है।जहां पूर्व से रहे चार चापानल खराब हालात में पड़ा हुआ है। वही जलमीनार करीब 10 वर्षो से खराब अवस्था मे पड़ा हुआ है। गांव के लोग करीब 500 मीटर दूरी पर स्थित झरने के पानी पीने को विवश है। यह वर्षो से अनवरत चलते आ रहा है। ऐसी स्थिति पाडेरकोला बी , नारायनदिह , बस्तादिह , आसनजोला आदि गाँवो का भी है। जहां के लोग पानी के लिए तरस रहे है। पेयजल के लिए लोगो को लम्बी दूरी तय करना पड़ रहा है। जिससे ग्रामीणों में काफी नाराजगी भी देखी जा रही है। पीने की पानी का समस्या आदिवासी – पहाड़िया बाहुल्य क्षेत्र में वर्षो से रहा है। इसको लेकर अभी तक विभागीय रूप से कोई ठोस समाधान अभी तक नही की गई है। वही दूसरी ओर निरन्तर गिरते भूगर्भ जलस्तर को लेकर काफी बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है। इस सम्बंध में बीडीओ दिलीप टुडू ने बताया कि इसको लेकर आवश्यक कार्यवाही जल्द ही कि जाएगी।
