झारखंड के साहिबगंज में सकरमाउथ कैट नामक मछली मिली है, जो आमतौर पर साउथ अफ्रीका के अमेजॉन नदी में पाई जाती है। हालांकि, अब कई देशों में यह मछली मिलने लगी है, लेकिन भारत में इसका दिखना दुर्लभ है। यह मांसाहारी मछली है खतरनाक बताई जाती है। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के महादेवगंज में मरंगंग मछली मिलने से इलाके के लोगों में इसे देखने का कौतुहल पैदा हो गया है। बेहद अलग किस्म के सुंदर दिखने वाली मछली को देखने के लिए आसपास के लोगों की भीड़ मौके जमा होने लगी।
सूचना पाकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। मछली को कब्जे में लेकर शहर गोड़ाबाड़ी हटिया स्थित डीएफओ कार्यालय में रखा गया है। डीएफओ मनीष कुमार तिवारी ने बताया कि महादेवगंज में मिली सकरमाउथ कैट नामक मछली पर्यावरण खासकर छोटी मछलियों के लिए बेहद ही खतरनाक है। लोगों को इसबारे में जागरूक करना है कि जिस भी नदी में ये मछली दिखाई पड़े, तुरंत उसे बाहर निकल कर मार देना है। विदेशों से इस मछली को भारत में लाने पर अब रोक है।
सकरमाउथ कैट नदी में पाए जाने वाली छोटी मछली और जीव जंतु को खाकर जीवित रहती है। इसके चलते इस मछली को परिस्थिति तंत्र के लिए खतरनाक माना जाता है। इधर, राजमहल मॉडल डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रंजीत कुमार सिंह के मुताबिक सकरमाउथ कैटफीश का वैज्ञानिक नाम हाइपोस्टोमस प्लीकोस्टोमस है। यह उष्णकटिबंधीय मीठे पानी की मछली है।
हालांकि अब छोटी नदियों में भी ये मछली मिलने लगी हैं। इसे अर्नामेंटल फीश या गहने वाली मछली भी कहा जाता है। कुछ लोग इस मछली को सजावट के तौर पर घर के एक्वेरियम में भी रखते हैं और बाद में ये मछली जब बड़ी हो जाती है तो उसे किसी नदी या तालाब में छोड़ देते हैं। इससे ये मछली छोटी नदियों में भी मिलने लगती है।
