इचाक: हज़ारीबाग जिले के सभी प्रखंडो मे चल रहे प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से बच्चों के अभिभावकों से किताब-कॉपी खरीदने में मोटी रकम वसूल रहे हैं. जो छूट अभिभावक को दी जानी चाहिए उसकी लाभ निजी विद्यालय को दी जाती है. अभिभावक मॅहगाई से है परेशान जीवन यापन करना हो गया है मुश्किल. सीबीएसई स्कूल एनसीईआरटी की किताब की जगह निजी प्रकाशकों की किताबें ही चलाते हैं. नर्सरी की किताब व कॉपी जहां 4000 रुपये तो कक्षा 8वीं तक की किताब व कॉपी पर 8500 रुपये से ज्यादा खर्च पड़ रहा है. अभिभावकों का कहना है कि प्रकाशकों से लेकर किताब विक्रेताओं तक सभी से कमीशन पहले ही फिक्स हो जाता है. स्कूलों को जनवरी से ही ऑफर मिलने लगते हैं.ज्यादा कमीशन मिलने वाले किताबों को काेर्स में शामिल किया जाता है. कमीशन के चक्कर में 50 रुपये कि किताबें 400 रुपये तक में बेची जा रही है. जिस कारण झारखंड में स्कूली किताबों का कारोबार करोड़ों रुपये तक पहुंच गया है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से बात करके इस समस्यायों का निराकरण जल्द ही करने की अपील की गई है
निजी विद्यालय ने बुक प्रकाशकों से मिलकर करते है मूल्य मे वृद्धि
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