साहिबगंज : भारत सरकार, एमएसएमई मंत्रालय के शाखा एमएसएमई-विकास कार्यालय, धनबाद द्वारा साहेबगंज जिले में पीएम विश्वकर्मा योजना पर आधारित एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों को योजना से मिलने वाले लाभ, पात्रता एवं आवेदन की प्रकिया इत्यादि के बारे में वृहद रुप से जानकारी दी गई ।
कार्यक्रम का उद्घाटन सिद्धों कान्हू सभागार में मुख्य अतिथि विधायक अनंत ओझा एवं अन्य अतिथियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक सहायक निदेशक दीपक कुमार द्वारा उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एवं सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया।
जहां उन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रूप–रेखा से अवगत कराते हुए बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित हैं – कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, डलिया, चटाई, झाड़ू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 5-7 दिन का प्रशिक्षण एवं रूपए 500/- प्रतिदिन की दर से स्टाइपेंड देय होगा तथा प्रशिक्षण उपरान्त टूल किट हेतु 15 हजार रूपए ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होंगे। प्रथम चरण में एक लाख रूपए तका का ऋण तथा द्वितीय चरण में दो लाख रूपए तक का कोलेटरल फ्री ऋण (5 प्रतिशत ब्याज की दर से) की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने पर पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।
इस दौरान विधायक अनंत ओझा ने अपने अभिभाषण में कहा कि भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, विश्वकर्मा जयंती दिनांक-17 सितम्बर, 2023 को प्रधानमंत्री जी के द्वारा डिजिटली लौंच (लागू) की गई थी। भारत सरकार के द्वारा इस योजना को प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता एवं उन्नत उपकरण प्रदान करते हुए उनके व्यवसाय में बढ़ोतरी कराना है जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। उन्होंने सभा में उपस्थित 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों से इस योजना का लाभ लेने हेतु ज्यादा से ज्यादा संख्या में पंजीकरण कराने का आह्वान किया।
वही आगे उन्होंने कहा कि गांव घरों में पूर्व के समय में कई ऐसे कारीगर देखने को मिलते थे जो अपने हस्त शिल्प या कारीगरी से जीवन यापन करते थे परंतु जैसे-जैसे भौतिकवाद बढ़ता गया कार्य करो की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई एवं उनका जीवन यापन मुश्किल से चलने लगा परंतु माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस योजना को लागू कर उनके विकास के बारे में एवं उनकी आर्थिक स्थिति में बदलाव की दिशा में सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री की सोच है कि अगर गांव घर के ऐसे कारीगरों को सही प्रशिक्षण दिया जाए एवं उन्हें सरकार द्वारा अपने उत्पाद बनाने के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाए साथ में बाजार दिया जाए तो न केवल उनके आर्थिक स्थिति बेहतर होगी बल्कि गांव से निकलने वाले उत्पादन को विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी।
विधायक राजमहल श्री ओझा ने कहा कि अगर गांव समाज के ऐसे कारीगर विकसित होंगे तो गांव विकसित होगा जिला विकसित होगा राज्य विकसित होगा एवं हमारा देश विकसित होगा तो भारत को विकसित बनाने के दिशा में मिलकर सहयोग करें तथा कारीगर निश्चित रूप से योजना अंतर्गत अपना पंजीकरण कराएं।
उद्घाटन सत्र में डॉ. कमलेश कुमार सिंह, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, साहेबगंज एवं सुधीर कुमार, एलडीएम, साहेबगंज ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के अंतर्गत सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर), साहेबगंज की जिला प्रबंधक सुश्री सृती कुमारी ने इस योजना में रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया, पात्रता एवं मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। इस क्रम में सीएससी की ओर से एक “ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन” शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें कई पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों का इस योजना के तहत पंजीकरण भी किया गया।
ईओडीबी प्रबंधक, डीआईसी, चंद्रशेखर शर्मा ने कार्यक्रम की समाप्ति पर सभा में उपस्थित सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
वहीं साहेबगंज जिले के लगभग 350 से ज्यादा शिल्पकारों और कारीगरों ने इस जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होकर पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त किया।
