पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद से झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ अपना आक्रमण बढ़ा दिया है। पार्टी के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को अपने बयान में कहा कि सरकार गठन के बाद से ही इसका अंदेशा था। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के 72 घंटे हो जाने के बाद भी धाराओं की जानकारी नहीं हुई है कि किस जुर्म में गिरफ्तार किया गया? इसका कोई आधार अभी तक निकल कर सामने नहीं आया है।
झामुमो नेता ने हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद कार्यवाहक सीएम का चयन क्यों नहीं किया गया। यह जमीन आंदोलनकारियों की है। गवर्नर से हम लोगों ने कहा कि कार्यपालिका का कोई अधिकारी नहीं है, लेकिन फिर भी मौन रहे। जब लोगों में आक्रोश देखा तब बीजेपी को सांप सूंघ गया और रात में बुला कर सरकार बनने का न्यौता दिया गया।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यपाल ने किस आधार पर बहुमत सिद्ध करने को कहा। किस चीज का विश्वास मत साबित करने की बात कर रहे हैं। राज्यपाल जितनी तादाद हमारी पहले थी अभी भी हमारे पास है। 47 विधायक अब भी हैं। पार्टी शीघ्र ही श्वेत पत्र जारी करेगी और बताने का कार्य करेगी कि कैसे गैरकानूनी तरीके से राजनीतिक तरीके से परेशान किया गया है? उन्होंने कहा कि बीजेपी में हिम्मत है तो अविश्वास प्रस्ताव लाकर दिखाये। भारतीय जनता पार्टी और आजसू का बहुमत मिलाकर 28 की तादाद है। अदालत ने भी हेमंत सोरेन को विश्वास मत (फ्लोर टेस्ट) के दौरान विधानसभा शामिल होने का अनुमति दिया है।
