विधानसभा बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को कटौती प्रस्वात पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में दो लाख लोगों को अबुआ आवास दिया है। अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 में साढ़े चार लाख लोगों को अबुआ आवास देंगे। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से कुल 29 लाख आवेदन आए थे, जिनमें से 20 लाख आवेदन वैध पाए गए। सरकार सबको बारी-बारी से आवास देने के लिए संकल्पित है।
उन्होंने कहा कि 2028 तक सभी को अबुआ आवास मुहैया करा दिया जाएगा। इसके अलावा बताया गया कि सरकार ने पिछले चार सालों में करीब 19 लाख लोगों को सर्वजन पेंशन स्कीम से लाभांवित किया है। 2019 तक राज्य के 6.60 लाख लोगों को पेंशन मिलता था, जिसकी संख्या बढ़कर 25.96 लाख हो गई है। बता दें कि शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग, कार्मिक, ऊर्जा विभाग सहित अन्य के अनुदान मांगों पर चर्चा हुई।
डिलिस्टिंग के जरिए आरक्षण छीनने का प्रयास : कोंगाड़ी
कटौती प्रस्ताव के विरोध में बोलते हुए नमन विक्सल कोंगाड़ी ने कहा कि आदिवासियों के जीने का साधन कृषि रहा है। पर सीएनटी-एसपीटी में संशोधन कर उनकी जमीन पूंजीपतियों को देने का भाजपा सरकार ने काम किया। आदिवासी लोग कई धर्मों को मानते हैं। ईसाई को भी मानते हैं। आरक्षण से हम चुनकर आते हैं, उनके खिलाफ बोलते हैं, इसलिए इस हक को छीनने के लिए योजना लागू करना चाहती है। उसे डिलिस्टिंग का नाम दिया है।
गांव में जाकर ग्रामीणों से पूछें कि उनका काम हुआ या नहीं
सरकार आपके द्वार में 90 फीसदी लोगों का काम हुआ। यह गांव के लोग खुद बताएंगे। 95 साल की उम्र के लोग भी बताएंगे कि उन्हें पेंशन का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि 70 फीसदी जनता गांव में रहती है, गांव के विकास का काम किया जा रहा है। सड़कें बन रही हैं। सरकार 15 हजार किमी सड़कों को सुदृढ़ करेगी। सड़क बनने के बाद स्वरोजगार भी बढ़ रहा है। चौराहे पर दुकान लग गई है।
ब्लैकलिस्टेड एजेंसियों को नियुक्ति का जिम्मा : अमित
कटौती प्रस्ताव के पक्ष में बोतले हुए अमित मंडल ने कहा कि बिहार में ब्लैकलिस्टेड एजेंसियों से झारखंड में सरकार जेपीएससी और जेएसएससी जैसी परीक्षाएं ले रही हैं। जेएसएससी सीजीएल और लैब टेक्नीशियन की परीक्षा हुई तो फिर से पेपर लीक हो गया। सरकार ने पहले कहा कि धांधली नहीं हुई, फिर पेपर लीक कर दिया। सरकार से सीबीआई जांच की मांग की और अभ्यर्थियों पर केस वापस लेने की मांग की। इस पर अभी तक कुछ नहीं हुआ।
मानदेय के सवाल पर भानु और बन्ना में नोकझोंक
बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को विधानसभा में राज्य की सहिया दीदी, एएनएम, जीएनएम, लैब टेक्नीशियनों के मानदेय बढ़ाने पर मंत्री बन्ना गुप्ता, मिथिलेश ठाकुर व भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही आमने-सामने आ गए। भानु प्रताप शाही ने कहा कि राज्य में पीएम आवास योजना के बदले अबुआ आवास दे सकते हैं तो मानदेय क्यों नहीं बढ़ा सकते। इस पर बन्ना ने कहा कि केंद्र क्यों मानदेय नहीं बढ़ा रहा है, यह बताएं। इस पर भानु नाराज हो गए।
उन्होंने मंत्री को कहा कि वह विधायक हैं और मंत्री एक विधायक से सवाल नहीं पूछ सकता। भानु की बातों पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भी कहा कि सदन में किसी और के सवाल पर किसी को हस्तक्षेप करने का अधिकार है क्या। दोनों मंत्रियों से भानु की नोकझोंक हुई। तब सवाल उठाने वाले उमाशंकर अकेला ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भानु प्रताप शाही विवाद कर सवाल को उलझाना चाहते हैं।
