झारखंड में अगले तीन से चार महीने में 30 हजार अभ्यर्थियों की नियुक्ति होगी। खाली पदों का विज्ञापन जारी होगा। वहीं, जिसकी प्रक्रिया चल रही है, उसे पूरा किया जाएगा। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने की। वे गुरुवार को रांची के धुर्वा स्थित शहीद मैदान में राज्य स्तरीय नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में बोल रहे थे। समारोह में मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के 2454 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा। सबसे ज्यादा प्लस टू स्कूलों के 1020 स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया। वहीं, चार विभागों के कनीय अभियंता (सिविल) के लिए 1268 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिला।
मुख्यमंत्री चंपाई ने कहा कि झारखंड में जितनी भी जनजातीय भाषाएं हैं, उनकी पढ़ाई प्राइमरी स्कूलों में सुनिश्चित की जाएगी। उड़िया, बांग्ला समेत राज्य की जनजातीय भाषा वाले बच्चे अपने मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करेंगे। इसके लिए जनजातीय शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 5000 स्कूलों को बंद कर आदिवासी व मूलवासी को शिक्षा से वंचित कर दिया। बहरुपिया राजनीति करने वाले लोगों ने झारखंड के आदिवासी, मूलवासी, गरीब, शोषित, पिछड़े व अल्पसंख्यकों को सामाजिक और शैक्षणिक व्यवस्था से दूर किया।
बाहर से आई कंपनियों ने सिर्फ अपना विकास किया
सीएम ने कहा कि झारखंड में बड़ी कंपनियों ने सिर्फ अपना विकास किया। गांव और ग्रामीणों का विकास नहीं किया। दिल्ली, यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र में रहने वाले लोगों ने राज्य की खनिज संपदा का उपयोग किया। कोयला, पानी, जमीन का उपयोग किया, लेकिन यहां के लोगों का विकास नहीं किया। अगर दो फीसदी ही लोगों के प्रति वे काम करते तो झारखंड का विकास हो जाता।
