झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई एक अप्रैल को होगी। सुनवाई के लिए मामला जस्टिस सूर्यकांत द्विवेती और जस्टिस केवी विश्वनाथन की अदालत में सूचीबद्ध किया गया है। हेमंत सोरेन ने विधानसभा सत्र की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति नहीं देने के झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उन्होंने कहा है कि जेल में बंद जन प्रतिनिधियों को सत्र के दौरान शामिल होने की अनुमति मिलती है। हाईकोर्ट और ईडी कोर्ट में इससे संबंधित अदालतों के आदेश को पेश भी किया गया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार नहीं की और खारिज कर दी। इस कारण वह सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सके और अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं को नहीं उठा सके। सुप्रीम कोर्ट से उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करने का आग्रह किया है।
गौरतलब हो, ED ने 10 समन के बाद हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद उन्होंने सरकार की कमान चंपाई सोरेन को सौंप दी थी। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान हेमंत विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हुए थे लेकिन बजट सत्र में शामिल होने पर ईडी ने रोक लगा दी थी। जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन निराशा ही हाथ लगी थी। अब हाई कोर्ट के आदेश को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
