Wednesday, October 29, 2025
Homeआज तक का खबरस्वास्थ्य विभाग कि जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक हुई आयोजित

स्वास्थ्य विभाग कि जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक हुई आयोजित

साहिबगंज : साहिबगंज समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त राम निवास यादव की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु ज़िला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि जिले में एमडीए कार्यक्रम (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) चलाया जा रहा है। जिसकी शुरुआत 10 फरवरी से पूरे जिले में हो रही है जो 25 फरवरी तक चलेगा।

कार्यक्रम के अंतर्गत सभी को फाइलेरिया से बचाव के लिए एल्बेंडाजोल एवं डीईसी की दवा खिलाई जाएगी।
इसके तहत प्रथम चरण में बूथ लेवल एक्टिविटी के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी।
बूथ लेवल एक्टिविटी सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों, पीएचसी, सीएचसी में 10 फ़रवरी को संचालित होगी द्वितीय चरण में घर-घर जाकर 25 फ़रवरी दवा खिलाया जाएगा।

आमजन से स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही दवा सेवन करने की अपील

बैठक के दौरान उपायुक्त राम निवास यादव ने जिले वासियों से अपील करते हुए कहा कि फाइलेरिया के कृमि होने पे दवा सेवन के बाद मामूली चक्कर,उल्टी,बुखार,सर दर्द या बदन दर्द जैसे लक्षण नजर आ सकते है,यह दिखाता है कि परजीवी मर रहे है। इसलिए इस एमडीए कार्यक्रम में निश्चित रूप से दवा का सेवन करें एवं अन्य लोगों को भी दबा के सेवन का प्रति प्रेरित करें।

इस क्रम में बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस अभियान की तैयारी पूरी हो चुकी है. जिला स्तर पर सभी प्रवेक्षको को तथा सभी ब्लॉक स्तर पर सीएचसी में डीए को प्रशिक्षण दे दिया गया है। स्वास्थ्यकर्मियों को दवा सेवन कराने का प्रशिक्षण में सहयोगी संस्था पीसीआई और पीरामल द्वारा भी सहयोग दिया गया। सभी योग्य लाभुकों को स्वास्थ्यकर्मी अपने सामने ही दवा का सेवन करायेंगे। मास ड्रग एडमिनिस्ट्रशेन अभियान में दो प्रकार की दवा का सेवन कराया जायेगा. इनमें डीईसी और अल्बेंडोजोल को शामिल किया गया है.

13 लाख से अधिक आबादी लक्षित

बैठक में बताया कि इस अभियान में जिला के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत आने वाली 1819 गांवों के 267441 घरों को कवर किया जायेगा।
इन घरों की 1324115 लोगों को दवा सेवन कराने का लक्ष्य रखा गया है।
दवा सेवन अभियान के लिए जिला में 1831 बूथ बनाये गये हैं. अभियान में 3420 स्वास्थ्यकर्मियों को लगाया गया है। इसमें 334 सुपरवाइजरों को दवा सेवन कार्यों के अनुश्रवण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है साथ ही दवा की आपूर्ति की जा चुकी है।

हाथीपांव खतरनाक, दवा का सेवन जरूरी

वीबीडीसी डॉ सत्ती बाबू ने बताया कि दवा सेवन से पूर्व आवश्यक बातों का ध्यान रखा जाना है. दवा का सेवन भूखे पेट नहीं कराया जाना है. साथ ही दो वर्ष से छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रोग से बीमार व्यक्ति को दवा नहीं खिलानी है. हाथीपांव जैसे गंभीर रोग की रोकथाम के लिए दवा का सेवन जरूरी है।
फाइलेरिया से संक्रमित व्यक्ति के पैर में सूजन आ जाती है. इसे आमभाषा में हाथीपांव भी कहा जाता है।

यह मादा मच्छर क्यूलेक्स के काटने से होता है. किसी भी उम्र का व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है. फाइलेरिया मुख्यत: मनुष्य के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है. जिसमें पैर, हाथ, अंडकोष और महिलाओं के स्तन शामिल हैं. संक्रमण के बाद बीमारी होने में पांच से 15 साल लग सकते हैं। उन्होंने बताया कि दवा सेवन से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है।

यदि दवा सेवन के बाद सरदर्द, उल्टी और बुखार जैसी परेशानियां होती है तो यह फाइलेरिया संक्रमण का संकेत है. दवा खाने के बाद आपके शरीर में मौजूद फाइलेरिया कृमि के मरने के कारण यह प्रतिक्रिया हुई थी.* अगली बार दवा खाने पर ऐसी प्रतिक्रिया नहीं होने की संभावना है.दवा का सेवन स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही करना है। यह दवा उम्र के अनुसार ही आकलन कर दी जाती है. दवाईयां भारत सरकार के मापदंड पर खरी होती हैं।

बैठक के दौरान उपायुक्त के अलावे वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी, सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार, विभिन्न प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक कर्मी एवं अन्य उपस्थित थे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments