साहिबगंज : बजट सत्र के दूसरे दिन राजमहल विधायक अनन्त ओझा ने विधानसभा में जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच कराने को लेकर विधानसभा में कार्यस्थगन के माध्यम से मांग की। उन्होंने ने कहा कि राज्य की दो प्रमुख संवैधानिक संस्थाएँ जे०पी०एस०सी० और जे०एस०एस०सी० द्वारा राज्य के युवाओं की नियोजन नियुक्ति परीक्षा में भष्ट्राचार क्रियाकलाप के कारण द्वारा जाँच की मांगो को लेकर छात्र-युवा (अभ्यर्थी) आज सड़क पर आंदोलनरत है। अपने 50 महीने के कार्यकाल पूर्ण होने पर राज्य के युवाओं को उचित अवसर व सरकारी नौकरियों में नियुक्तियाँ वर्त्तमान शासन नहीं दिला पाई है।
सरकार संविधान के अनुच्छेद 14,16 (2), में प्रदत्त मूल अधिकारों के विपरीत कार्य कर रही है। 28 जनवरी 2028 को झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोज (J.S.S..C.) की सामान्य स्नातक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 की प्रश्न-पत्र लीक होने के कारण एकबार फिर यहाँ के युवाओं के समक्ष निराशा हाथ लगी है, वहीं दूसरी ओर राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का महागठबंधन वाली यू०पी०ए० (झामुमो + कांग्रेस + राजद) वाली सरकार ने अपने घोषणा-पत्र व संकल्प पत्र के माध्यम से यहाँ की युवाओं को पुनः एक बार और छलने का कार्य किया है। प्रतियोगिता परीक्षा में भष्ट्राचार के मामले सामने के आने के बाद परीक्षा रद्ध कर दी गई। साथ ही 04 फरवरी 2024 को होने वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं को भी स्थगित कर दी गई। राज्य की आम जनता सहित अभ्यर्थियों ने सरकार के समक्ष इन प्रतियोगिता परीक्षा में हुए प्रश्न-पत्र लीक व आगे की परीक्षा स्थगित होने की सी0बी0आई0 जाँच की मांग करने को लेकर आंदोलन कर रहें है, जिनकी मांगों को लेकर अबतक सरकार ने सी०बी०आई० जाँच के आदेश निर्गत नहीं किया है।
सरकार ने अपनी कारगुजारियों को छिपाने के लिए येन-केन प्रकारेण एस०आई०टी० की गठन किया है, जिससे यहाँ के अभ्यिर्थियों को उचित न्याय मिलने की संभावना नगण्य है। पेपर लीक के मामले में सदन के सभी कार्यों को रोककर वर्त्तमान राज्य सरकार ने०एस०एस०सी० द्वारा स्नातक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने हेतू प्रश्न-पत्र लीक होने की जाँच सी०बी०आई० से कराने की मांग की आदेश निर्गत करे, जैसे महत्त्वपूर्ण और संवेदनशील विषय पर चर्चा करायी जाय।
