पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की ओर से दर्ज अरका स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड एंड मैनेजमेंट लिमिटेड के मिहिर दिवाकर, सौम्या दास और उनकी कंपनी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलेगा। न्यायिक दंडाधिकारी राज कुमार पांडेय की अदालत ने बुधवार को 15 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े में मिहिर दिवाकर समेत तीनों के खिलाफ संज्ञान लिया है। दोनों पर फर्जीवाड़ा करके महेंद्र सिंह धौनी को 15 करोड़ रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप है।
संज्ञान लेने के बाद अदालत ने आरोपियों की उपस्थिति को लेकर समन जारी किया है। अदालत ने बीते छह मार्च को सुनवाई के पश्चात आदेश सुरक्षित रख लिया था। यह शिकायतवाद एमएस धोनी की ओर से सीमांत लोहानी ने दर्ज कराया है। दर्ज शिकायतवाद पर पांच जनवरी को धोनी के प्रतिनिधि सीमांत लोहानी का बयान शपथपत्र पर दर्ज किया गया। इसमें उन्होंने मिहिर दिवाकर एवं सौम्या दास के ऊपर लगाए आरोपों के बारे में बयान दिया था। आगे की सुनवाई में शिकायतकर्ता की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किया गया था। इसके आधार पर अदालत ने संज्ञान लिया है। मामले में अब तीनों पर समन जारी किया जाएगा। इसके लिए अदालत ने 19 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है। साथ ही शिकायतकर्ता को नोटिस का जवाब दाखिल करना है।
धोनी के प्रतिनिधि ने अक्तूबर 2023 में किया है केस
एमएस धोनी ने अपने प्रतिनिधि सीमांत लोहानी को मुकदमा दर्ज करने का अधिकार दिया है। इसके बाद सीमांत लोहानी ने 27 अक्तूबर 2023 को उक्त मुकदमा दर्ज कराया। इसमें कहा है कि मिहिर दिवाकर ने कथित तौर पर दुनिया भर में क्रिकेट अकादमी खोलने के लिए साल 2017 में एमएस धोनी के साथ एक समझौता किया था। समझौते के बाद उसे फ्रेंचाइजी दी गई थी। प्रॉफिट शेयर का 70-30 का अनुपात तय हुआ था। लेकिन, समझौते की सभी शर्तों की धज्जियां उड़ा दी।
जब धौनी को इसकी जानकारी हुई तो समझौता को अगस्त 2021 में वापस ले लिया। इसके बावजूद आरोपी एमएस धोनी क्रिकेट अकादमी खोले जा रहे थे। इसके बाद धोनी ने उनलोगों को कानूनी नोटिस भेजा। इसका जवाब भी दिया गया। लेकिन, अकादमी खोलना बंद नहीं हुआ। इससे 15 करोड़ रुपए की आर्थिक क्षति हुई है, जो भविष्य में और बढ़ सकता है। बता दें कि यह मुकदमा धोखाधड़ी, विश्वासघात, जाली कागजात तैयार करके फर्जीवाड़ा करना समेत अन्य आरोपों के तहत किया गया है।
