चतरा से क्या तीसरी बार सीटिंग एमपी सुनील सिंह होंगे उम्मीदवार या नया और स्थानीय चेहरा योगेंद्र प्रताप सिंह या आजसू के खाते में जाएगी सीट या बीजेपी का कोई अन्य चेहरा उम्मीदवार होगा। आखिरकार तमाम अटकलों के बीच भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के प्रत्याशियों की बहु प्रतीक्षित पहली सूची शनिवार को जारी कर दी। इस सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ,रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला सहित कई दिग्गज नेताओं सहित 195 नेताओं के नाम शामिल हैं। इसमें 34 केंद्रीय व राज्य मंत्री सहित पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व शिवराज सिंह एवं 28 महिलाएं, 47 युवा जिनकी उम्र 50 से कम हैं इसके अलावे 27 एससी, 18 एसटी तथा 57 ओबीसी उम्मीदवार को टिकट दी गई है। कुल मिलाकर सभी वर्गों का बखूबी ध्यान रखा गया है। बताते चलें की प्रत्याशियों के चयन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में गुरुवार को केंद्रीय कार्यालय में बैठक हुई थी। बैठक की अध्यक्षता भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किया था। इस बैठक में केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, भूपेंद्र यादव, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, डॉ के लक्ष्मण, डॉ इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नडवीस, उपाध्यक्ष ओम माथुर और भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष के अलावा प्रदेशों के चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश संगठन महामंत्री भी मौजूद रहें थें।
झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से 11 पर उम्मीदवारों की हुई घोषणा
झारखंड लोकसभा सीट कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी, खूंटी से अर्जुन मुंडा, जमशेदपुर से विद्युत वरण महतो, गोड्डा से निशिकांत दुबे, रांची से संजय सेठ, दुमका से सुनील सोरेन, तथा पलामू से बीडी राम यानी कुल 7 सीटिंग एमपी पर एक बार फिर भरोसा जताते हुए भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं दो सीटों हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा तथा लोहरदगा सांसद सुदर्शन भगत दोनो सीटिंग एमपी को दरकिनार करते हुए नए चेहरे यानी हजारीबाग से मनीष जयसवाल को तथा लोहरदग्गा से समीर उरांव को मौका दिया है। जबकि कांग्रेस के टिकट पर सिंहभूम से जीत हासिल करने वाली तथा कांग्रेस छोड़कर कुछ दिन पूर्व हीं बीजेपी में शामिल होने वाली सांसद गीता कोड़ा को बीजेपी ने उनके सीटिंग सीट सिंहभूम से अपना उम्मीदवार बनाया है। साथ हीं राजमहल सीट से बीजेपी ने ताला मरांडी को टिकट दी है। राजमहल की सीट अभी जेएमएम के विजय कुनार हांसदा के कब्जे में है।
तीन सीटों पर उहापोह की स्थिति
चतरा, गिरिडीह तथा धनबाद सीट पर मंथन जारी है। कभी भी हो सकता है उम्मीदवार की घोषणा। चतरा सीट पर दो बार के बिजयी उम्मीदवार सुनील कुमार सिंह पर एक धड़ा समर्थन में तो दूसरा धड़ा किसी और को उम्मीदवार बनाने के पक्ष में है। चतरा से योगेंद्र प्रताप सिंह व कालीचरण सिंह या कोई और नाम की घोषणा हो सकती है। सूत्रों को मुताबिक आजसू दो सीटों पर अड़ी हुई है।
बहरहाल चतरा सीट पर सबकी नजर बनी हुई है
आपको बताते चलें कि चतरा लोकसभा क्षेत्र में इन दोनों खूब स्थानीय सांसद को लेकर मंथन किया जा रहा है। स्थानीय सांसद की मांग को लेकर सरगर्मी पूरे उफ़ान पर है।जगह-जगह, चौक चौराहे, गांव मोहल्ले में ग्रामीण व गणमान्यों ने इकट्ठा होकर विभिन्न राजनीतिक दलों से स्थानीय सांसद की ही मांग की जा रही है। जबकि मौसम के द्वारा अचानक करवट लेने व झमाझम बारिश ठंडी हवा के बीच भी बैठकर लोग जगह-जगह व व्हाट्सएप ग्रुप सहित सोशल मीडिया पर स्थानीय सांसद का मांग करते हुए ही नजर आ रहे हैं। आगामी लोकसभा को देखते हुए लगातार बड़ी संख्या में लोगों के द्वारा पोस्टकार्ड पर लिखकर दिल्ली भेजा गया है, उस पोस्टकार्ड पर सभी के द्वारा चतरा लोकसभा की क्षेत्रीय प्रत्याशी का मांग किया जा रहा है। सभी लोगों के द्वारा कहा गया चतरा लोकसभा क्षेत्र का विकास जिस गति से होना चाहिए नहीं हो पाया, इसका मुख्य प्रमुख वजह सीधा क्षेत्रीय नेतृत्व की कमी की वजह से है। पत्थलगड़ा प्रखंड के सिंघानी चौक सहित अन्य चौक चौराहों में भी मंथन करते थकते नजर नहीं आ रहे हैं। लोगों के द्वारा कहां जा रहा की क्षेत्रीय प्रत्याशी इस क्षेत्र के आओ-हवा को अच्छी तरह भली-भांति समझ सकें और क्षेत्रीय जनमानस के भाव अभाव की डोर टू डोर वस्तु स्थिति जानकारी प्राप्त हो तथा लोगों की भावनाओं को भली भांति समझ सकें। क्षेत्र की विकासशील मुद्दे की जोरदार संसद भवन में उठाया जा सके एवं अपने गांव घर की जन-जन समस्याओं की विभिन्न जानकारियां प्राप्त हो। आगे कहा, चतरा जिला में खनिज संपदा की कोई कमी नहीं है, पर फिर भी यहां के स्थानीय लोग बाहर राज्यों में जाकर पलायन कर रहे हैं। और हमारे क्षेत्र में बाहरी का दबदबा देखा जाता है। भारी मात्रा में खनिज संपदा होने के बावजूद आज चतरा जिला विकास की मामले में कोसों दूर है। चतरा लोकसभा में कोल खनन कंपनियों की कोई कमी नहीं है, और एक ऐसा चतरा लोकसभा क्षेत्र है जो केंद्र व राज्य सरकार को अरबों रुपए की मुनाफा दे रहा है फिर भी यहां के स्थानीय युवा बेरोजगारी की धंस झेलने पर मजबूर है। पूरे चतरा लोकसभा क्षेत्र में इस बार सभी में एक स्वर ही देखा जा रहा है वो है सिर्फ स्थानीय सांसद का मांग।
