Tuesday, November 4, 2025
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किसान आन्दोलन रोकने के बजाय चिन बॉर्डर पर किल कांटे लगावे केन्द्र सरकार-डॉ आरसी मेहता

इचाक : गरीबी का पर्यायवाची शब्द किसान है यह बातें खैरा ग्रामीण क्षेत्र भ्रमण के दौरान डॉ आर सी मेहता ने कहा। उन्होंने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं इसलिए कृषकों के दर्द समझता हूं आज देश में किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलने से किसान कृषि कार्य छोड़कर मेट्रोपॉलिटन शहरों में मजदूरी हेतु पलायन कर रहे हैं। आज किसान आंदोलन को केंद्र सरकार दिल्ली के हर बॉर्डर पर किल कांटे बेरिकेट लगा रही हैं ताकि किसान अपनी मांग सरकार से न कर सके। मोदी साहब दिल्ली बॉर्डर में किल कांटे की वजाय चीन पाकिस्तान बांग्लादेश के बॉर्डर पर किल कांटे लगाकर विदेशी घुसपैठियों को रोके।

पूर्व में वर्षों तक चला किसान आंदोलन के दौरान तीन कृषि काला बिल को प्रधानमंत्री जी ने क्षमा मांगते हुए निरस्त किया थे और वादा किया थे की किसानो को मांगों को पूरा किया जाएगा, जो आज तक नहीं किया गया। पुण: किसान आंदोलनरत है एमएसपी है क्या है ? समझे एमएसपी के तहत किसान अनाज बेचने का न्यूनतम मूल्य सरकार को निर्धारित करने का मांग कर रहे हैं जैसे धान ₹23 केजी अभी है इस तरह गेहूं दलहन मकई फल सब्जी का दाम सरकार निश्चित करें ताकि किसान को लागत के अनुरूप लाभ मिल सके आज किसान टमाटर खेत में₹5 बेच रहे हैं वही बिचौलिए बाजार30-40 रुपए मुनाफा लेकर भेजते हैं आलू किसान ₹10 बेच रहे हैं

बिचौलिए ₹30-40 तक मुनाफा लेकर बेजते हैं एम एसपी निर्धारित होने पर किसान और खरीददार जनता को लाभ होगा। 2022 के किसान आंदोलन में 750 किसान का मृत्यु हुई थी किसान मृतक के परिजनों को मुआवजा एवं नौकरी मांग रहे हैं जो भारत के संविधान के रूप है। क्षेत्र भ्रमण में मुख्य रूप से मंडल अध्यक्ष गिरधारी महतो ब्रजकिशोर मेहता चंद्रदेव प्रसाद एडवोकेट संजय दास प्रखंड अध्यक्ष लालमोहन रविदास राजकुमार मेहता अजय वर्मा जलेश्वर यादव सुधीर कुशवाहा खगेंद्र कुशवाहा मनोज मेहता नजीर मियां कुलदीप राम इत्यादि दर्जन लोग शामिल रहे।

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