कांग्रेस के नाराज आठ विधायक बुधवार की देर शाम दिल्ली से रांची लौट आए। रांची एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में विधायकों ने कहा कि आलाकमान के आश्वासन पर ही वे झारखंड लौटे हैं। उन्होंने कहा कि आलाकमान कांग्रेस के 12 विधायकों में से किसी को भी मंत्री बना दें, उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।
हालांकि दिल्ली में आला नेताओं से बातचीत के बाद भी विधायकों में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के प्रति नाराजगी कम नहीं हुई है। विधायक राजेश कच्छप का कहना है कि जो मंत्री बने हैं, वे बिल्कुल नहीं सुनते हैं। अपने आप को राजा समझते हैं और अन्य विधायकों को प्रजा। पानी सर के ऊपर आ चुका था। आलाकमान को सारी बातों से अवगत करा दिया गया है। सकारात्मक बातचीत हुई है। जल्द इसका नतीजा दिखेगा।
विधायक सोनाराम सिंकु ने कहा कि नाराजगी अभी दूर नहीं हुई है। कांग्रेस कोटे के चारों मंत्री शोषण कर रहे हैं। उन्हें हटाया जाए और पार्टी के अन्य 12 विधायकों में से किसी को भी मंत्री बना दिया जाए। इसमें पार्टी के अन्य विधायकों को कोई आपत्ति नहीं होगी।
विधायक भूषण बारा ने कहा कि मंत्रियों से नाराजगी सिर्फ विधायकों की नहीं है, बल्कि जिलाध्यक्षों से लेकर कार्यकर्ता तक की है। वे किसी की भी नहीं सुनते हैं। विधायकों की बातों पर भी गौर नहीं करते हैं। विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि आलाकमान ने पार्टी और जनता के लिए काम करने का निर्देश दिया है। भाजपा की नीतियों का विरोध करने और लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीट जीतकर लाने को कहा गया है। वे लोग पार्टी को मजबूत करेंगे और आलाकमान के निर्देशों का पालन करेंगे।
विधायक कुमार जयमंगल ने कहा कि कांग्रेस के 12 विधायक लिख कर देने को तैयार है कि उनमें किसी चार को मंत्री बनाएं कोई आपत्ति नहीं होगी। पार्टी चारों मंत्री का इस्तीफा कराकर देख ले कि उनका विरोध होता है या नहीं। केंद्रीय नेतृत्व ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेनुगोपाल के साथ बुधवार को पांच विधायकों राजेश कच्छप, भूषण बारा, सोनाराम सिंकु, दीपिका पांडेय सिंह और कुमार जयमंगल ने वन टू वन मुलाकात की। इससे पहले डॉ इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला और अंबा प्रसाद ने मंगलवार को मुलाकात की थी।
