Monday, October 27, 2025
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हार्ट अटैक आने पर बच सकती है आपकी जान, तुरंत खाये एस्पिरिन , जाने इसकी सावधानियां

हार्ट अटैक आने पर बच सकती है आपकी जान, तुरंत खाये एस्पिरिन , जाने इसकी सावधानियां

दिल का दौरा, एक खतरनाक बीमारी जो अचानक आ जाती है और कई बार जानलेवा भी होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हार्ट अटैक आने पर एस्पिरिन खाना कितना कारगर हो सकता है? अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में छपे एक नए अध्ययन से पता चला है कि छाती में अचानक तेज दर्द होने पर, चार घंटे के भीतर एस्पिरिन की एक गोली लेने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो सकता है.

अमेरिका में एस्पिरिन ने 13,980 जानें बचाईं!
“द यूनाइटेड स्टेट्स में छाती में दर्द के बाद दिल के दौरे से बचाव के लिए एस्पिरिन का सेल्फ-एडमिनिस्ट्रेशन” शीर्षक से इस अध्ययन में पाया गया कि 2019 में अमेरिका में 325 मिलीग्राम एस्पिरिन का शुरुआती सेवन करने से लगभग 13,980 लोगों की जान बच सकती थी.

इन सावधानियों के साथ खाएं एस्पिरिन
डॉक्टरों के मुताबिक, एस्पिरिन का सेवन सावधानी से करना चाहिए. अगर छाती में तेज दर्द हो, जैसे कुछ टूट रहा हो, और साथ ही बहुत पसीना आ रहा हो और चक्कर आ रहे हों, तो ऐसी स्थिति में तीन 325 मिलीग्राम की एस्पिरिन की गोलियां कुचलकर तुरंत खा सकते हैं. इसके अलावा, छाती में दर्द को कम करने के लिए जीभ के नीचे 5 मिलीग्राम सोर्बाइट्रे रख सकते हैं.

डॉक्टर क्या कहते हैं?
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अपोलो अस्पतालों में अपोलो एओर्टिक प्रोग्राम के सीनियर कंसल्टेंट और सर्जिकल हेड डॉ. निरंजन हिरेमठ ने कहा, “हम छाती में तेज दर्द, बांहों, गर्दन या जबड़े में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना या चक्कर आना जैसे लक्षणों में एस्पिरिन लेने की सलाह देते हैं, जो दिल के दौरे के संभावित लक्षण हैं.” उन्होंने बताया कि एस्पिरिन खून को पतला करने में मदद करता है और थक्के बनने की प्रक्रिया को कम करता है.

धरमशीला नारायण अस्पताल में कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. समीर कुब्बा ने कहा, “एस्पिरिन साइक्लो-ऑक्सीजिनेज को रोककर एक एंटी-प्लेटलेट एजेंट के रूप में काम करता है, जो थ्रोम्बोक्सेन A2 के उत्पादन को कम करता है, एक अणु जो प्लेटलेट एकत्रीकरण और वासोकांस्ट्रिक्शन को बढ़ावा देता है.” यह तंत्र कोरोनरी धमनियों को अवरुद्ध करने और दिल के दौरे का कारण बनने वाले रक्त के थक्कों के बनने को रोकने में मदद करता है.

उन्होंने कहा कि थक्के बनने की प्रक्रिया को रोकने, मृत्यु दर को कम करने और परिणामों को बेहतर बनाने के लिए छाती में दर्द शुरू होने के तुरंत बाद एस्पिरिन लेना चाहिए.हालांकि, जिन लोगों को एस्पिरिन से एलर्जी है उन्हें इससे बचना चाहिए. श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. संजय परमार ने कहा, “हम उन लोगों को एस्पिरिन से बचने की सलाह देते हैं जो अन्य गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं ले रहे हैं, सक्रिय गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग वाले, रक्तस्राव विकार वाले लोग या जिनका गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अल्सर या रक्तस्रावी स्ट्रोक का इतिहास है.”

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत में कार्डियोलॉजी के ग्रुप चेयरमैन डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि एस्पिरिन के ब्लीडिंग या स्ट्रोक जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं, लेकिन यह आमतौर पर एक ही खुराक से नहीं होता है. उन्होंने स्वीकार किया कि पेप्टिक अल्सर के मामलों में, एस्पिरिन से अधिक रक्तस्राव हो सकता है. हालांकि, उन्होंने आश्वस्त किया कि अगर दिल का दौरा पड़ता है तो अस्पताल पहुँचने के लिए काफी समय होगा, इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि इस तरह की आपात स्थिति में एस्पिरिन फायदेमंद हो सकता है.
हालांकि, अगर मरीजों को दिल की बीमारी या स्ट्रोक का इतिहास नहीं है, तो उन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना लंबे समय तक एस्पिरिन नहीं लेना चाहिए. सर गंगा राम अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अश्विनी मेहता ने चेतावनी दी, “ऐसे मरीजों में ब्लीडिंग का खतरा दिल के दौरे को रोकने के लाभ से अधिक होता है.” झारखंड से बुरी खबर सामने आई, वोट डालने पहुंचे एक बुजुर्ग मतदाता की हार्ट अटैक से मौत
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