Tuesday, October 28, 2025
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चाणक्य आईएएस एकेडमी में हर्षोल्लास से मनाया गया 21वां वर्षगांठ

रांची। लालपुर स्थित चाणक्य आईएएस एकेडमी के रांची शाखा में संस्थान का 21वीं वर्षगांठ गुरुवार को हर्षोल्लास से मनाया गया। मौके पर बतौर मुख्य अतिथि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी शरीक हुए और बड़ी संख्या में मौजूद विद्यार्थियों से मुखातिब होते हुए कहा कि मन में लगन, दृढ़ इच्छाशक्ति और जज़्बा के साथ साथ उचित मार्गदर्शन हो तो सफलता हासिल करना आसान हो जाता है। उन्होंने कहा कि सक्सेस गुरू एके मिश्रा जैसे मार्गदर्शक का मार्गदर्शन आप सभी अभ्यर्थियों को लगातार मिलता है तो निश्चित रूप से आपसब आने वाले समय में देश का नाम रोशन करेंगे। वहीं चाणक्य आईएएस एकेडमी के फाउंडर चेयरमैन व सक्सेस गुरू एके मिश्रा ने संस्थान के 21वें वर्षगांठ पर खुशी जाहिर करते हुए मौजूद अभ्यर्थियों को ज़िंदगी में सफलता रूपी खुशी के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी अपने ज़िंदगी को ओटो ड्राइव मोड पर कभी ना छोड़ें।

हम क्या कर सकते हैं यह हमसे अच्छा कोई दूसरा कोई नहीं बताएगा। इसलिए इस जवाब की तलाश हमें खुद अपने भीतर तलाशनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे सभी अलग दिखते हैं, वैसे ही सभी के भीतर अलग-अलग चीज, जिसे अलग अलग तरीक़े से करने की क्षमता होती है। इसलिए हमें दूसरों के बताए पुराने रास्ते से सफलता के लिए प्रयास नहीं करना चाहिए, बल्कि अपनी क्षमता के अनुसार अपना मार्ग स्वयं बनाना चाहिए। सक्सेस गुरू ने कहा कि जब तक जीवन है, तब तक संघर्ष है और जब तक संघर्ष है तब तक ही जीवन है। उन्होंने कहा कि हर किसी में महानता हासिल करने की क्षमता होती है, जरूरत है तो उसे जागृत करने की।

सिविल सेवा की परीक्षा 5000 से अधिक अभ्यर्थियों ने लहराया सफलता का परचम : एके मिश्रा

सक्सेस गुरू श्री ए. के. मिश्रा छात्रो को संबोधित करते हुए पर्सनालिटी डेभलप्मेंट को अपने तैयारी के साथ जोड़ने की बात कही और कहा की सिविल सेवा के क्षेत्र में विषय के तैयारी के साथ एक अच्छे प्रशासक बनने के लिए एवं सिविल सेवा परिक्षा में पास करने के लिए एक सही व्यक्तित्व का अहम योगदान है। उन्होंने कई बड़े हस्तियों का उदाहरण देते हुए व्यक्तित्व की विशेषता को समझाया कि एक ही परिस्थिति में दो अलग व्यक्तित्व वाले लोग कैसे अलग व्यवहार करते है और पाजिटिव सोच के लोग विषम परिस्थिति में भी उभर कर जीवन में खुद को बेहतर स्थित में ला पाते हैं। दुनिया में बडे़ से बडे़ लोग वाकियो से सिर्फ इस लिए अलग हैं क्योंकि उन्होंने अपने काम के साथ-साथ अपने व्यक्तित्व विकास पर भी जोड़ दिया। उन्होंने इस बात की भी भी घोषणा की कि चाणक्य आई.ए.एस. अकादमी के सारे शाखाओं में पाठयक्रम में पर्सनालिटी डेभलप्मेंट के क्लास को भी जोड़ा जाएगा और वह खुद दिल्ली से आकर इस कक्षा को लेंगे जिसमें कि हर महीने रांची शाखा में भी यह क्लास करवाई जाएगी ताकी अभीयार्थियों को भी पिटी मेन्स के साथ-साथ इन्टरव्यु की भी तैयारी हो सके।

सक्सेस गुरू एके मिश्रा ने बताया कि चाणक्य आईएएस एकेडमी के देश भर में 25 शाखाएं संचालित हैं। वर्ष 2003 में रांची में देश की चौथी शाखा खोली गई थी। उन्होंने बताया कि इन 21 वर्षों के दौरान संस्थान ने कई उपलब्धियां हासिल कीं। इस संस्थान से तैयारी कर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी जेपीएससी व यूपीएससी में सफलता हासिल कर देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। चाणक्य आईएएस एकेडमी में बेहतर रिजल्ट के साथ सिविल सेवा के क्षेत्र में झारखंड में जागरूकता फैलाने में हमारे छोटे भाई और संस्थान के वाइस प्रेसिडेंट विनय मिश्रा का अहम योगदान रहा है। इस उपलक्क्ष पर चाणक्य आई.ए.एस. अकादमी के वाइस प्रेसिडेन्ट श्री विनय मिश्रा एवं जनरल मेनेजर रिमा मिश्रा ने श्री बाबुलाल मरांडी जी को बुके, मोमेन्टो और शॉल देकर समानित किया।

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